‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

जुगाड़

                           जुगाड़
   
    जुगाड़ से जुगाड़ है, जुगाड़ में कहां बिगाड है,
     जुगाड़ में जुगाड़ है, जुगाड़ से ही देश बिमार है ।
   जुगाड़ के जुगाड़ में, जुगाड़ी ही सबसे बड़ा खिलाडी है,
  जुगाड़ के इस खेल में, हारती भोली-भाली जनता हमारी है ।

    ...................‘‘रमेश‘‘.........................

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