‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

वह


 वह,
सौम्य सुंदर,
एक परी सी ।
वह,
निश्चिल निर्मल,
बहती धारा सी ।
वह,
शितल मंद सुगंध,
बहती पुरवाही सी ।
वह,
पुष्प की महक,
चम्पा चमेली रातरानी सी ।
वह,
पक्षियों की चहक,
पपिहे कोयल मतवाली सी ।
वह,
श्वेत प्रकाश,
चांद पूर्णमासी सी ।
वह,
मेरी जीवन की आस,
रगो में बहती रवानगी सी ।
वह,
मेरा विश्वास,
जीवन में सांसो की कहानी सी ।
वह,
मेरा प्रेम,
श्याम की राधारानी सी ।
...‘‘रमेश‘‘.........

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