देखते सुनते है जो हम अपने चारों ओर,
विचारों में घुल मिल जाये जरूरी तो नही ।
विचारों में जो विचार घुल मिल जाये,
परिलक्षित हो कर्मो में जरूरी तो नही ।
हर परिलक्षित कर्म कुलसित हो जाये,
कुलसित नजर आये जरूरी तो नही ।
जो अपने विचारों मे ही दृढ हो जाये,
ऐसा हर व्यक्ति हो जरूरी तो नही ।
...‘‘रमेश‘‘...
विचारों में घुल मिल जाये जरूरी तो नही ।
विचारों में जो विचार घुल मिल जाये,
परिलक्षित हो कर्मो में जरूरी तो नही ।
हर परिलक्षित कर्म कुलसित हो जाये,
कुलसित नजर आये जरूरी तो नही ।
जो अपने विचारों मे ही दृढ हो जाये,
ऐसा हर व्यक्ति हो जरूरी तो नही ।
...‘‘रमेश‘‘...
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