देखा जब से उसे मै दीवाना हुआ
उसको पाना जीवन का निशाना हुआ ।
जब से गैरों के घर आना जाना हुआ
तब से गैरो से भी तो यराना हुआ ।
मुखड़े पर उनकी है चांद की रोशनी
नूर से उनके रोशन यह जमाना हुआ ।
कस्तूरी खुशबू रग रग समाया हुआ
गुलबदन देख गुलशन सुहाना हुआ ।
सादगी की मूरत रूप की देवी वो तो
कोकीला कंठ उनका तराना हुआ ।
प्यार करते नही प्यार हो जाता है
प्यार उनका छुपा इक खजाना हुआ ।
जब से आई तू मेरे जीवन में प्रिये
मेरे धड़कन का तब आना जाना हुआ ।
दिल जवा है जवा ही रहेगा सदा
क्या हुआ जो ये नाता पुराना हुआ ।
......................................
- रमेशकुमार सिंह चैहान
उसको पाना जीवन का निशाना हुआ ।
जब से गैरों के घर आना जाना हुआ
तब से गैरो से भी तो यराना हुआ ।
मुखड़े पर उनकी है चांद की रोशनी
नूर से उनके रोशन यह जमाना हुआ ।
कस्तूरी खुशबू रग रग समाया हुआ
गुलबदन देख गुलशन सुहाना हुआ ।
सादगी की मूरत रूप की देवी वो तो
कोकीला कंठ उनका तराना हुआ ।
प्यार करते नही प्यार हो जाता है
प्यार उनका छुपा इक खजाना हुआ ।
जब से आई तू मेरे जीवन में प्रिये
मेरे धड़कन का तब आना जाना हुआ ।
दिल जवा है जवा ही रहेगा सदा
क्या हुआ जो ये नाता पुराना हुआ ।
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- रमेशकुमार सिंह चैहान
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