जिसे भाता ना हो, छल कपट देखो जगत में ।
वही धोखा देते, खुद फिर रहे हैं फकत में ।।
कभी तो आयेगा, तल पर परिंदा गगन से ।
उड़े चाहे ऊॅचे, मन भर वही तो मगन से ।।
अटल अटल है आपका, ध्रुव तरा सा नाम । बोल रहा हर गांव में, पहुंच सड़क का काम ।। जोड़ दिए हर गांव को, मुख्य सड़क के साथ। गांव शहर से जब जुड़ा...
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