‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

छोड़ो झगड़ा नाम का

छोड़ो झगड़ा नाम का, ईश्वर अल्ला एक ।
खुदा की खुदाई भली, प्रभु की प्रभुता नेक ।।

धर्म धरे विश्वास से, सभी धर्म है नेक ।
कट्टरता के शूल से, मानव पथ ना छेक ।।

मानवता के राह चल, आप मनुष्य  महान ।
दीन हीन को साथ ले, गढ़ लें रम्य जहान ।।

दीन हीन सब तृप्त हो, सुख मय हो दिन रैन ।
भेद भाव अब खत्म हो, मिले सभी को चैन ।।

अपनी सेवा आप कर, निज रूप को पहचान ।
कहते फिरते क्यो भला, कण कण में भगवान ।।



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