1 .नई पुरानी बात में, किसे कहे हम श्रेष्ठ ।
एक अंध विश्वास है, दूजा फैशन प्रेष्ठ ।। प्रेष्ठ=परमप्रिय
2. तना खड़ा है मूल पर, लगे तना पर फूल ।
रम्य तना का फूल है, जमे मूल पर धूल ।।
3. पानी दे दो मूल को, तना को है कबूल ।
नीर तना पर सींचये, सूखे पेड़ समूल ।।
4. अनुभव कहते हैं किसे, बता सके है बाल ।
जोश होश छोड़ कर, बजा रहें हैं गाल ।।
5. क्रंदन ठाने भूत है, मतलब रखे न आज ।
चिंता भविष्य है करे, कैसे होगी काज ।।
6. कल तो कड़वी औषधी, मीठी विष है आज ।
आज और कल मेल कर, समझ सके ना राज ।।
एक अंध विश्वास है, दूजा फैशन प्रेष्ठ ।। प्रेष्ठ=परमप्रिय
2. तना खड़ा है मूल पर, लगे तना पर फूल ।
रम्य तना का फूल है, जमे मूल पर धूल ।।
3. पानी दे दो मूल को, तना को है कबूल ।
नीर तना पर सींचये, सूखे पेड़ समूल ।।
4. अनुभव कहते हैं किसे, बता सके है बाल ।
जोश होश छोड़ कर, बजा रहें हैं गाल ।।
5. क्रंदन ठाने भूत है, मतलब रखे न आज ।
चिंता भविष्य है करे, कैसे होगी काज ।।
6. कल तो कड़वी औषधी, मीठी विष है आज ।
आज और कल मेल कर, समझ सके ना राज ।।
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