‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

योग दिवस पर दोहे

योग दिवस के राह से, खुला विश्व का द्वार ।
भारत गुरू था विश्व का, अब पुनः ले सम्हार ।।

 गौरव की यह बात है, गर्व करे हर कोय ।
 अपने ही इस देश में, विरोध काहे होय ।।

 अटल रहे निज धर्म में, दूजे का कर मान ।
 जीवन शैली योग है, कर लें सब सम्मान ।।

जिसकी जैसी चाह हो, करले अपना काम ।
पर हो कौमी एकता, रखें जरूर सब ध्यान ।।

Blog Archive

Popular Posts

Categories