नये पुराने लोग मिल, खोले अपने राज ।
कहां बुरा था दौर ओ, कहां बुरा है आज ।।
कहां बुरा था दौर ओ, कहां बुरा है आज ।।
वही चांद सूरज वही, वही धरा आकाश ।
जीवन के सुख-दुख वही, करें आप विश्वास ।।
जीवन के सुख-दुख वही, करें आप विश्वास ।।
लोक लाज मरजाद के, धागे एक महीन ।
सोच समझ कर रख कदम, टूटे ना अबिछीन ।।
सोच समझ कर रख कदम, टूटे ना अबिछीन ।।
-रमेश चौहान
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें