‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

चंद दोहे

नये पुराने लोग मिल, खोले अपने राज ।
कहां बुरा था दौर ओ, कहां बुरा है आज ।।
वही चांद सूरज वही, वही धरा आकाश ।
जीवन के सुख-दुख वही, करें आप विश्वास ।।
लोक लाज मरजाद के, धागे एक महीन ।
सोच समझ कर रख कदम, टूटे ना अबिछीन ।।
-रमेश चौहान

Blog Archive

Popular Posts

Categories