सीखें जीने की कला, सिखा गयें हैं राम ।
कैसे हो संबंध सब, कैसे हो सब काम ।।
कैसे हो सब काम, गढ़े जो नव मर्यादा ।
नातों में अपनत्व, हृदय में नेक इरादा ।।
कर्म रचे संसार, कर्मफल एक सरीखे ।
मानवता है धर्म, मनुज बनना सब सीखें ।।
कैसे हो संबंध सब, कैसे हो सब काम ।।
कैसे हो सब काम, गढ़े जो नव मर्यादा ।
नातों में अपनत्व, हृदय में नेक इरादा ।।
कर्म रचे संसार, कर्मफल एक सरीखे ।
मानवता है धर्म, मनुज बनना सब सीखें ।।
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