‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

नूतन वर्ष

नूतन वर्ष
नव उमंग भर
दीजिये हर्ष ।

देवे उत्कर्ष
सुख शांति समृद्धि
आपका स्पर्श ।

मिटे संघर्ष
कालिख अंधियारा
आतंक कर्ष ।

भारत वर्ष
विश्व सिरमौर हो
हे नव वर्ष ।

पुराने मर्ज
नष्ट होवे मूल से
हे नव वर्ष ।

भरे हों पर्श
दीन हीन सबका
हे नव वर्ष ।

-रमेश चौहा

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