‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

स्वप्न अधूरे शेष हैं

जाते जाते कह गये, सच्चे मनुज कलाम ।
स्वप्न अधूरे शेष हैं, करने को हैं काम ।।
करने को हैं काम, डगर बच्चों चुन लो ।
देश हमारा एक, बात अच्छे से गुन लो ।।
गढ़ना हो जब देश, धर्म आडे ना आते ।
रखो राष्ट्र सम्मान, दिये सिख जाते जाते ।।

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