‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

सज्जन

नम्र अमीरी में रहें, जैसे रहते दीन ।
धनी दीनता में रखें, उदारता शालीन ।
रूख हवा का देख कर, बदले ना जो राह ।
सज्जन उसको जानिये, निश्चित चिरकालीन ।।
-रमेश चौहान

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