‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

होली तो है यार

माने काहे हो बुरा, होली तो है यार ।
आज नही तो कब करूं, मस्ती का इजहार ।।
मस्ती का इजहार, करूं बाहों में भरकर ।
माथे तिलक गुलाल, रंग से काया तर कर ।।
मैं हूॅं तेरा यार, तुझे रब मेरा जाने ।
रंग इसे तो आज, प्रीत का बंधन माने ।।

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