‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

होली

1.
ये
रंग
बदन
रंगा नही
श्वेत हैं वस्त्र
रंग गया मन
प्रीत के रंग लिये ।

2.मैं
होली
उमंग
शरारत
मेरे दामन हैं
बांटने आई हूॅ
हॅसी, खुशी, एकता ।

Blog Archive

Popular Posts

Categories