‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

मुक्त करो जल स्रोत

पानी के हर बूंद को, गटक रहा मुॅह खोल ।
टपक टपक हर बूॅंद भी, खोल रहा है पोल।।
खोल रहा है पोल, किये जो गलती मानव ।
एक एक जल स्रोत, किये भक्षण बन दानव ।।
कुॅआ नदी तालाब, शहर निगले मनमानी ।
मुक्त करो जल स्रोत, मिले तब सबको पानी ।।

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