‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

भारती भारत की जय

जय जय जय मां भारती, जय जय भारत देश ।
हिन्दू मुस्लिम एक हों, छोड़ सभी विद्वेष ।।
छोड़ सभी विद्वेष, धर्मगत जो तुम पाले ।
राष्ट्र धर्म हों एक, वतन के हों रखवाले ।।
बढ़े प्रेम विश्वास, तजें अपने मन का भय ।
बोलें मिलकर साथ, भारती भारत की जय ।।

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