‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

कार्बन क्रोड़ प्रतिरोध निर्धारण हेतु दोहे

//विज्ञान के विद्यार्थीयों के लिये//
कार्बन क्रोड़ प्रतिरोध निर्धारण हेतु दोहे-

(B.B. ROY of Great Bharat has Very Good Wife)
काला भूरा लाल है, वा नारंगी पीत ।
हरित नील अरू बैगनी, स्लेटी सादा शीत ।।
दिखे रंग जब सुनहरा, पांच होय है ढंग ।
चांदी के दस होय है, बीस होय बिन रंग ।।
-रमेश चौहान
कवि, विज्ञान शिक्षक

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