‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

गीता ज्ञान

शोभन

मौत सदा सच है फिर भी, डरे क्यों मन प्राण ।
जीवन जीने का होता, उसे क्यों अभियान ।।
कर्म सार है जीवन का, बांटे कृष्ण ज्ञान ।
मानवता एक धर्म ही, इसका सार जान ।।

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