‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

प्रश्न उठता है तब से

तब से लेकर आज तक, दिखे एक ही हाल ।
मुद्दा यह कश्मीर का, फँसा हूआ किस चाल ।।
फँसा हूआ किस चाल, चीन अक्साई बनकर ।
घेर रखे कश्मीर, पाक तब से अब तनकर ।।
बांट रहें है देश, मिले आजादी जब से ।
भारत के हैं कौन, प्रश्न उठता है तब से ।

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