‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

अर्थ स्वच्छता के समझ

कोना-कोना स्वच्छ हो, स्वच्छ बने हर गाँव ।
अर्थ स्वच्छता के समझ, रम्य करें हर ठाँव ।।
रम्य करें हर ठाँव, स्वच्छता को कर धारण।
गगन तले का शौच, नहीं एकाकी कारण ।
कारण भारी एक, कुड़े करकट का होना ।
बदलें निज व्यवहार, स्वच्छ हो कोना-कोना ।।

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