मानव होकर लोग क्यों, रखते हैं नाखून ।
पशुता का परिचय जिसे, कहता है मजमून ।।
कहता है मजमून, बुद्धि जीवी है मानव ।
होते विचार शून्य, जानवर या फिर दानव ।।
बनते भेड़ "रमेश", आज फैशन में खोकर ।
रखते हैं नाखून, लोग क्यों मानव होकर ।।
पशुता का परिचय जिसे, कहता है मजमून ।।
कहता है मजमून, बुद्धि जीवी है मानव ।
होते विचार शून्य, जानवर या फिर दानव ।।
बनते भेड़ "रमेश", आज फैशन में खोकर ।
रखते हैं नाखून, लोग क्यों मानव होकर ।।
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